कुछ अलग करें से मेरा अभिप्राय ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि सभी पैरों से चलते हैं तो हम सिर के बल चलेंगें। चलेंगे तो पैरों से ही पर कदम ताल करते चलेंगे। इस तरह तो हमारे देश के जवान भी परेड करते हुए चलते हैं। निस्संदेह यह सवाल उठेगा।वैसा भी हमे नही करना। ऐसा भी नही करना वैसा भी नहीं करना। तो आखिर करना क्या है कुछ ऐसा जो सभी को आनन्दित कर दे।सबको अलग भी लगे।अपनी योग्यताओ को परखने का इससे ज्यादा सुनहरा अवसर और कँहा मिलेगा। जँहा असफल होने का भी कोई कारण नही बचा। बिना लक्ष्य आगे बढ़ने में कैसी असफलता। सफलता व असफलता लक्ष्य निर्धारित करने पर ही है। बिना लक्ष्य तो आगे ही बढ़ना है हर दम। अंधेरा कितना भी घना हो। रोशनी को पाना ही लक्ष्य हो। आँखों को खोलना ही तो है। रोशनी ही रोशनी है चारो ओर। ऐसी रोशनी तो रोज ही देखते हैं। नही कुछ अलग देखेंगे अलग करेंगे। करेंगे वही सब कुछ पर अलग तरीके से करेंगे। मुझे तो यकीन हैं स्वयं पर क्या आपको भी है। तो आए आपका स्वागत है |
दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो "भीड़ का हिस्सा" नहीं बनना चाहते हैं। यदि आप एक भीड़ बनाना चाहते हैं और भीड़ से बाहर खड़े हैं, तो "कुछ अलग करे" आपके लिए है। यह एक अद्भुत अहसास हो सकता है जब आप जानते हैं कि आप वास्तविक और अद्वितीय हैं |
आओ खेले सब मिलकर फिट रहेंगे आगे बढ़ेंगे। अध्यात्म की ओर बढ़े योग या मेडिटेशन को अपनाकर ।
स्कूलों से छूटे प्रश्नो को आप हमसे पूछे। किताबो से जुड़ी आपकी सभी समस्याओ का निवारण किया जायेगा।
पार्ट टाइम/फूल टाइम जॉब के इच्छुक उम्मीदवार यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं। या आपके पास कोई छोटा इन्वेस्टमेंट योजना है तो भी आमंत्रित है।
छोटी छोटी बातें पारिवारिक जीवन मे असहज बनकर उभरती है। ऐसे समय मे सभी को ऐसे हमदर्द साथी की जरूरत होती है जो उसे समझे औऱ समझकर निवारण भी कर सके। आपके विश्वास या भरोसे की अपेक्षा है।
यह उनके लिए जिन्होंने अपना जीवन का अधिकतम समय परिवार और देश को दे चुके है हमारे बुज़ुर्ग। अब उन्हें उनके खालीपन से उभारने के लिए मेरा यह प्रयास है।
घरो में महिलाएं सभी घरेलू कार्यों के निपटाने के बाद भी समय निकाल पाती है तो उनका स्वागत है कि वे आगे आये और जो सपने छूट गए उन्हें पूरा करे।
गायन/वादन, नृत्य/नाट्य और कला संस्कृति एवम लेखन इन सभी कला प्रेमियों का भी स्वागत है अपने कला से मंत्रमुग्ध कर अपनी कला को विस्तार दे।सीखे और सिखाये।
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अगर आप बेचैन हैं। तो यह अच्छा संकेत हैं कि आप ऐसी स्थिति में हैं यहां आप समझ नहीं रहे हैं कि असल में आपको क्या करना है या क्या चाहिए। जैसे जिंदगी अस्त व्यस्त हो गई हो। लेकिन जीवन में सब कुछ व्यवस्थित हो,वह भी हमेशा सम्भव नहीं हैं। जीवन में सब कुछ व्यवस्थित हो तो भी बेचैनी ही है कि करें तो क्या करे। स Read More
लेखक: Kuchalagkare नवंबर 22, 2019
स्वयं को, समाजिक व्यवस्था को अपने अनुरूप किये बिना अपने बच्चों को एक बेहतर विकल्प या मार्ग नही दिया जा सकता।मेरे बच्चों के लिए में सोच लूँगा। उनके लिए एक अलग दुनिया निर्मित कर लूँगा ऐसा स Read More
लेखक: Kuchalagkare नवंबर 11, 2019
मेरे बच्चे अगर किसी दिन नाराज़ होकर कह दे। मुझे भूख नही है मैं नही खाता। तो शायद मेरा बी पी हाई हो जाय या मैं भी भोजन को देख हिचकिचाहट महसूस करू। लेकिन मुझे इस बात की ख़बर भी नही रहती की मेरे पड़ Read More